एक एक करके तिरंगे में लिपटे, ताबूत आते चले गये। एक एक करके तिरंगे में लिपटे, ताबूत आते चले गये।
हे वतन पे शहीदों नमन है अमर है गुलिस्तां तुम्हारा....! हे वतन पे शहीदों नमन है अमर है गुलिस्तां तुम्हारा....!
कोई मांग हो सूनी ,न ही बच्चे यतीम हों । और हर बहन की राखी को ,कलाई नसीब हो ।। कोई मांग हो सूनी ,न ही बच्चे यतीम हों । और हर बहन की राखी को ,कलाई नसीब हो ...
क्यों इतना दर्द ? क्यों इतना गुस्सा ? एक हैं, एक हैं, एक ही रहेंगे हमेशा। क्यों इतना दर्द ? क्यों इतना गुस्सा ? एक हैं, एक हैं, एक ही रहेंगे हमेशा।
बहादुरों की कमी नहीं थी हमारे यहाँ बहादुरों की कमी नहीं थी हमारे यहाँ
आज 23 मार्च है मैं कर रहा हूँ, दोस्तों शहीदों की बात है आज 23 मार्च है मैं कर रहा हूँ, दोस्तों शहीदों की बात है